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what is importance of education |शिक्षा का महत्व क्या है

Education: as a achievement short essay in hindi | शिक्षा: एक उपलब्धि के रूप में लघु निबंध हिंदी में
शिक्षा के महत्त्व समझने के लिए हमें सबसे पहले यह जानना जरुरी है कि शिक्षा ही अपने ज्ञान को बढाने का सबसे बेहतर साधन हो सकता है |यह हमारे सांस्कृतिक जीवन का भी माध्यम है | यह हमारे चरित्र का निर्माण करती है और जीवन यापन के तौर-तरीके सिखाती है |
शिक्षा के बल पर ही व्यक्ति अपनी क्षमताओ की परख करते हुए उनका उपयोग कर पाता है | वह जीवन जीने की इस आवश्यक कला के साथ अपने चरित्र का विकास कर पाता है |
मानव के विकास को ज्ञान के आधार पर नापा गया है क्योंकि ज्ञान ही हमारी बुद्धि को प्रशिक्षण प्रदान करता है इससे हमारे मस्तिष्क में नित नए विचार जन्म लेते है और कई प्रकार के उपाय, आविष्कार और खोज होती है |
इस प्रकार मानसिक हो या शारीरिक, सांसारिक-संकट हो या प्राक्रतिक आपदा सदैव ज्ञान ही हमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमारे विवेक का दर्शन कराता है और उचित निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है |
Education: As Knowledge | शिक्षा के महत्त्व ज्ञान के रूप में
ज्ञान प्राप्त करना शिक्षा का महत्वपूर्ण उद्देश्य है | आज की हमारी फली –फूली सभ्यता का माध्यम ज्ञान के माध्यम से प्राप्त की गयी शिक्षा ही है |
शिक्षा हमें हमारी संस्कृति का ज्ञान कराती है जिससे मानव में सभ्यता तथा शिष्टता आते है वो साहित्य, संगीत, कला आदि अन्य क्षेत्रो में नए-नए आयाम छु पाता है |
इस तरह एक और तो उसके जीवन स्तर में सुधार आता है तो वही दूसरी और वह नैतिकता जैसे जीवन के आवश्यक मूल्यों को भी समझ पाता है और आने वाली पीढ़ी के लिए वह धरोहर बिना किसी विशेष जतन के स्वत: ही संरक्षित हो जाती है |
Education: For a Character|शिक्षा के महत्त्व एक चरित्र के लिए
Education: For Profession|शिक्षा के महत्त्व शिक्षा: पेशे के लिए
व्यवसाय का मतलब है -जीवन निर्वाह का साधन | आपकी शिक्षा में इतनी शक्ति तो होनी ही चाहिए की वह जीवन के निर्वाह का साधन बन सके दुसरे शब्दों में उस शिक्षित व्यक्ति की रोजी-रोटी की गारंटी ले सके |
इसे विस्तृत रूप में समझने के लिए गाँधी जी का एक कथन प्रशंसनीय है – सच्ची शिक्षा बेरोजगारी के विरुद्ध बीमे के रूप में प्रयुक्त होनी चाहिए |
यह कम से कम इतनी तो होनी ही चाहिए की आपको आजीवन जीविका के उपार्जन में सफलता दिला सके और इस क्षेत्र में चिंता से मुक्त रखे |
Education as an Art of Life|शिक्षा के महत्त्व जीवन कला के रूप में शिक्षा
जीवन को कुशलता से जीने के लिए आपको जीवन जीने की कला भी आनी चाहिए | जिससे हमें जीवन की समस्त जटिलताओ, दुखो:, विप्पतियो से निपटने की और उनके सम्बन्ध में निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त हो सके |
इसके अंतर्गत एक परिवार चलाने से लेकर उसके सामजिक और आर्थिक सम्बन्ध को विकसित करने वाली सभी क्रियाये आ जाती है |
इन क्रियाओ में सफल हो जाने से व्यक्ति में आत्मविश्वास आ जाता है और वह आने वाले जीवन के लिए भी हर तरह से तैयार हो जाता है !
Education as a Personality Development | एक व्यक्तित्व विकास के रूप में शिक्षा के महत्त्व
महादेवी वर्मा ने कहा है की –शिक्षा व्यक्तित्व के विकास के लिए भी है और जीविकोपार्जन के लिए भी ! इस कथन से शिक्षा के महत्त्व का उद्देश्य दोहरा हो जाता है |
स्वाधीन भारत में विधार्थी वर्ग को सबसे अधिक आवश्यकता चरित्र के निर्माण की थी | जो उनके व्यक्तित्व के विकास से ही संभव थी | सामाजिक जीवन में सबको जीविका के उपार्जन की क्षमता तो प्राप्त करनी ही थी |
इन दोनों ही लक्ष्यों का त्याग करने से शिक्षा समय बीताने का साधन हो गयी और इस वास्तविकता का पता उन्हें तब चला जब तक शिक्षा के सारे सोपान प्राप्त कर लिए गए|
इन सबसे आज के विधार्थी का आचरण भी प्रभावित हो गया इससे आजीविका का लगातार अभाव होता चला गया और उसकी स्तिथि परजीवी के समान हो गई वह सामाजिकता से विमुख ही होता चला गया|
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