राष्ट्रीय किसान दिवस 2024

राष्ट्रीय किसान दिवस निबंध, महत्व, भाषण एवं कविता (National Farmers Day or Kisan Diwas 2024 significance, history, speech, Poem in hindi) 

भारत एक कृषि प्रधान देश है, भारत की आबादी का 70% लोग आज भी कृषि कार्यो पर आश्रित है | राष्ट्रीय किसान दिवस 23 दिसम्बर को मनाया जाता है | इसी दिन किसानो के मशीहा भारत के पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था |

राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस

किसान नेता (चौधरी चरण सिंह) के बारे में  रोचक तथ्य

आज ही के दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म दिवस भी है | इनका जन्म 23 दिसंबर 1902 को हुआ था |  यह भी एक किसान परिवार से थे | इस लिए इन्होने किसानो के लिए बहुत ही सराहनी कार्य किये |

जिससे लोग इन्हे किसानो का मशीहा भी मानने लगे और इनके जन्म दिन को ही राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मानाने लगे |

चौधरी चरण सिंह जी ने अपना जीवन किसानो के हित में कार्य करने उनकी स्थिति को सुधारने में लगे रहे |जब भी इनको किसानो के लिए कुछ करने का मौका मिला तो इन्होने हमेशा किसान के हित में कार्य किया | इसी लिए लोग इनको किसानो का नेता मानते है |

इन्होने किसानो कि रक्षा व् सम्मान के लिए विधान सभा में एक बिल पेश किया जिसमे भूमि सुधार, किसानो के द्वारा पैदा कि गई फसलों के विपणन से सम्बंधित था | इस बिल के पास होने के बाद पुरे देश में इनकी छबि एक किसान नेता के तौर पर उभर के सामने आई |

आजादी के बाद पुरे भारत में सभी क्षेत्रो में काफी बदलाव आये परन्तु किसान और कृषि दोनों क्षेत्रो में कोई विशेष बदलाव नजर नहीं आता है क्यों ?

इसका प्रमुख कारण है की हम लोग किसान और कृषि दोनों को जो मूल भुत सुबिधाए मिलनी चाहिए , वह हम और हमारी सरकार नहीं दे पायी। परन्तु इस दिशा में अब विशेष ध्यान दिया जा रहा है , इसका कारण  है  कि भारत में 70 % आबादी किसानो की है |

लेकिन अब किसान कोई नहीं बनना चाहता है , इसके पीछे का कारण यह है कि किसान को मेहनत ज्यादा और मुनाफा न के बराबर मिलता है |अगर किसान नहीं रहेंगे तो जीवन संभव नहीं है आप इस बात को अच्छी तरह से जानते है | इसी लिए किसान को सम्मान देना चाहिए | इसी लिए हम लोग 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मानते है |

राष्ट्रीय किसानों का महत्व,किसान हमारे लिए जरुरी क्यों है ?

जैसा की हम सब को पता है कि कोई भी बिना खाये पिए ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह सकता है, और खाने पिने की ज्यादा सामान किसान ही उगता है और हमरी थाली तक आता है | भारत की अर्थवयस्था भी किसानो के ऊपर कही न कही टिकी है। इसीलिए किसान हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

इसलिए हम सब आज हम लोग २३ दिसंबर को राष्ट्रीय किसानो का मनोबल बढ़ाने और उनके सम्मान के लिए विशेष दिन के रूप में मानते है |

इससे हमारे अन्नदाता को सम्मान की अनुभूति होती है | भारत की अर्थवयवस्था का आधार स्तम्भ कहे जाने वाले किसान को आज का दिन सम्पर्पित है | किसान हमारे लिए जरुरी है क्योकि किसान के बिना जीवन की कल्पना मात्र कल्पना ही है इनके बिना जीवन संभव ही नहीं है |

आप चाहे कितने भी पैसे वाले हो ,कितने भी त्यागवान हो परन्तु किसान के त्याग का कोई मुकाबला ही नहीं है , जहाँ निःस्वार्थ भावना की बात आती है तो इनके सामने केवल देश का जवान ही इनके समकक्ष  है | जिस प्रकार से सीमा पर जवान धुप ,बारिश ,ठंढ़ का मुकाबला करता है |ठीक उसी प्रकार से देश का किसान भी इन सब का मुकाबला कर के अन्न को उपज करता है | अगर हम उनकी मेहनत से अन्न की कीमत का अंदाजा लगाए तो वो अनमोल है |इस लिए हमे देश के जवान और किसान का हमेसा ही सम्मान करना चाहिए |

इसी लिए हम लोग राष्ट्रीय किसान दिवस २३ को मानते है और उनको सम्मान के रूप में मानते है |

राष्ट्रीय किसान दिवस का इतिहास ( History of National Farmers Day )

इस दिन का आयोजन देश के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्म दिन के रूप में  राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है | वैसे तो यह प्रधानमंत्री पद पर केवल कुछ महीने ही थे , इनका कार्यकाल (28 जुलाई 1979 से  लेकर 14 जनवरी 1980) तक ही रहा परन्तु इतने कम समय में ही इन्होने किसान के मूल बहुत आवश्यकताओं को समझा और पूरा करने के लिए अनेको कार्य किया | इन्होने किसान की रक्षा के लिए और किसानो के संगठित करने का कार्य किया |

इन्होने भूमि सुधार जैसे कार्यो पर विशेष ध्यान दिया और अपने कार्य काल में इन्होने किसान। गरीब,मजदुर को ध्यान में रख कर विशेष बजट भी दिया | इसके पीछे का कारण  यह है की यह खुद ही किसान परिवार से आते है और किसान की समस्याओ को पूरी तरह इ समझते थे | इसी लिए इन्होने ,भूमि सुधार ,किसान और मजदुर के लिए विशेष बजट आदि कार्य किये |

इन्होने लाल बहादुर शास्त्री के जय जवान जय किसान के नारे को भी साकार करने का प्रयत्न किया |

यह खुद किसान परिवार से थे। इसलिए यह किसान की समस्या को अच्छी तरह से समझते थे. इसलिए इन्होने किसान को उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अनेक कदम उठाये और किसानो के मशीहा के रूप सामने आये इसलिए किसान इनको अपना मशीहा मानते है |

इसी लिए इनके जन्मदिन को ही राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मानते है|राष्ट्रीय किसान दिवस की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी |

1  राष्ट्रीय किसान दिवस दिन ?
  • 23 दिसम्बर
2 राष्ट्रीय किसान दिवस दिन दिन को क्यूँ चुनाव किया गया ?
  • चौधरी चरण सिंह का जन्म दिवस
3 राष्ट्रीय किसान दिवस की स्थापना कब की गई ?
  • वर्ष 2001
4 राष्ट्रीय किसान दिवस दिन कैसे मनाया जाता हैं ?
  • उत्तर प्रदेश में इस दिन सरकारी अवकाश होता हैं|
  • किसान के प्रति जनता एवम सरकार को जागरूक किया जाना लक्ष्य होता हैं|
  • किसानो को आधुनिकता के लिए जागरूक किया जाता है |

धन्यवाद !

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