वाराणसी में मृत पशु अब सार्वजनिक स्थानों पर फेंके हुए नहीं दिखेंगे और ना ही इनके सड़ने की दुर्गंध ही आएगी
प्रतिदिन 12 जानवरों का हो सकेगा डिस्पोजल
कहीं भी फेंके हुए नहीं दिखेंगे मृत पशु, ना आएगी दुर्गंध
यूपी का पहला इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह जल्द हो जाएगा तैयारखाद के रूप में होगा डिस्पोजल के बाद बची राख का इस्तेमाल
अब तक नहीं थी मृत पशुओं के डिस्पोजल की व्यवस्था
एक दिन में 10-12 पशुओं का हो सकेगा शवदाह
वाराणसी में साढ़े पांच लाख पशु
डिस्पोजल के बाद बची राख से बनेगा खाद
अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हो रही थी काशी की छवि
योगी सरकार खास इंतजाम करा रही है. मोक्ष की भूमि काशी में अब पशुओं का भी शवदाह संभव हो सकेगा.
इसके लिए मनुष्यों की तरह अब पशुओं का शवदाह गृह वाराणसी में बन रहा है. ये उत्तर प्रदेश का पहला इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह होगा, जो अगले महीने तक बनकर तैयार हो जाएगा.
हाइलाइट्सप्रतिदिन 12 जानवरों का हो सकेगा डिस्पोजलकहीं भी फेंके हुए नहीं दिखेंगे मृत पशु, ना आएगी दुर्गंध यूपी का पहला इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह जल्द हो जाएगा तैयारखाद के रूप में होगा डिस्पोजल के बाद बची राख का इस्तेमाल
ये उत्तर प्रदेश का पहला इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह होगा, जो अगले महीने तक बनकर तैयार हो जाएगा. चोलापुर विकासखंड क्षेत्र में बन रहे इस इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह की लागत 2.24 करोड़ रुपये है.