आरती (Jai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri) जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी

माता की चौकी ,नवरात्रि, देवी जागरण, शुक्रवार, वट सावित्री व्रत, गणगौर तथा करवा चौथ ,दुर्गा पूजा, के दिन गाई जाने वाली दुर्गा माँ की प्रसिद्ध आरती। यह पंक्ति हिंदी में एक प्रसिद्ध भक्तिगीत है जो देवी दुर्गा को समर्पित है, जो हिंदू त्योहारों और उत्सवों के दौरान अक्सर गाया जाता है। यह दिव्य माता की स्तुति है, जिसमें उन्हें अंबे गौरी और श्यामा गौरी के रूप में प्रशंसा की जाती है। “ऐ अंबे गौरी” शब्द ईश्वरीय आदर्श को व्यक्त करते हैं और देवी के प्रति आदर्श भक्ति का अभिप्रेत करते हैं, जबकि “मैया जय श्यामा गौरी” शब्द देवी को उनके दिव्य रूप में विजय और नमन का अभिप्रेत करते हैं।

 

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

मांग सिंदूर विराजत,
टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना,
चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कनक समान कलेवर,
रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला,
कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

केहरि वाहन राजत,
खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत,
तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कानन कुण्डल शोभित,
नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर,
सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

शुंभ-निशुंभ बिदारे,
महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना,
निशदिन मदमाती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चण्ड-मुण्ड संहारे,
शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे,
सुर भयहीन करे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

ब्रह्माणी, रूद्राणी,
तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी,
तुम शिव पटरानी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चौंसठ योगिनी मंगल गावत,
नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा,
अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

तुम ही जग की माता,
तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता ।
सुख संपति करता ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

भुजा चार अति शोभित,
वर मुद्रा धारी । [खड्ग खप्पर धारी]
मनवांछित फल पावत,
सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कंचन थाल विराजत,
अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत,
कोटि रतन ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

श्री अंबेजी की आरति,
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी,
सुख-संपति पावे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी - आरती (Jai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri)
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी – आरती (Jai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri)

READ MORE..!

अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती (Maa Durga Maa Kali Aarti)

Shri Jagganath Aarti | श्री जगन्नाथ आरती – चतुर्भुज जगन्नाथ (Shri Jagganath Aarti – Chaturbhuja Jagannatha)

श्री बृहस्पति देव की आरती | Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti

Ganpati Aarti in Marathi | श्री गणपति आरती सुखकर्ता दुखहर्ता Video, Lyrics, PDF

गणेश चालीसा | Ganesh Chalisa In Hindi

Leave a Comment