Indian Navy Day -4 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है?

नौसेना दिवस (Indian Navy Day) 2022: यहां बताया गया है कि 4 दिसंबर भारतीय नौसेना के इतिहास में क्यों महत्वपूर्ण है और क्यों मनाया जाता है ?

भारती नौसेना बल ने 9171 में अद्म्य साहस का परिचय देते हुए |भारत -पाकिस्तान युद्ध (1971 ) में  भारती नौसेना ने अहम् भूमिका निभाई और ऑपरेशन ट्राइडेंट के सफलता के रूप में हम नेवी डे (Indian Navy Day) 4 दिसंबर को मानते हैं |Indian navy day

जब भारती नौसैनिकों ने पाकिस्तान के पीएनएस खैबर सहित चार पाकिस्तानी जहाजों को जलादोष कर दिया था।

कराची बन्दर गाह पर उपलब्ध ईंधन को भी नष्ट कर पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुँचाया था |

भारती नौसेन ने इस युद्ध में पहली बार एंटी शिप मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था।

भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोतों -आईएनएस निर्घट,आईएनएस वीर और आईएनएस निपात ने प्रमुख भूमिका निभाई थी |

इस मिशन की सबसे बड़ी उपलब्धि भी यह रही की इस मिशन (ऑपरेशन ट्राइडेंट)में किसी भी भारतीय नौसैनिकों को कोई नुकसान नहीं पहुँचा था |

 

भारतीय नौसेना मिसाइल द्वारा भारत-पाकिस्तान 1971 के दौरान पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर साहसिक, यादगार हमले के रूप में हम नौसेना दिवस मानते है |

इस दिन हम देश को नौसेना बल की भव्यता, महान उपलब्धियों और भूमिका को पहचानते है|

पाकिस्तान के कराची बन्दरगाह पर हमला करने के लिए भारत का नौसेना का बेड़ा गुजरात के “ओखा पोर्ट” से रात को पाकिस्तान के पानी में रवाना हुआ |

यह बेड़ा रात में पाकिस्तान (कराची) से लगभग 70 मील दूर दक्षिण में पहुंच गया और मिशाइल दागना चालू किया |

इस बेड़े ने सबसे पहले पाकिस्तानी पोत – पीएनएस खैबर – को पूरी तरह से नष्ट कर डुबो दिया|

ऑपरेशन ट्राइडेंट की सफलता के दौरान मौजूद नौसैनिकों को वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

भारतीय नौसेना (Indian Navy )भारतीय सशस्त्र बलों की समुद्री शाखा है और इसके कमांडर-इन-चीफ भारत के राष्ट्रपति हैं |

17 वीं शताब्दी के मराठा सम्राट, छत्रपति शिवाजी भोसले जी को “भारती नौसेना का पिता” माना जाता है |

भारतीय नौसेना की भूमिका भारत के समुंद्री सीमाओं को सुरक्षित करना |

भारत के विश्वव्यापी संबंधों को समुद्री यात्राओं,मानवीय मिशन ,संयुक्त अभ्यास,परोपकारी मिशनों ,और अपने मित्र देशो के साथ समुद्री सीमाओं और रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में काम  करना आदि सम्लित हैं |

इसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में परिस्थितियों को सुधारना भी है।

इसलिए, हम भारतीय नौसेना मिसाइल द्वारा 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह पर हुए साहसी हमले की याद में 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) मानते हैं ।

यह दिन देश को नौसेना बल की अदम्य साहस उनकी महान उपलब्धियों और भूमिका को पहचानता है।

भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) कैसे मनाया जाता है?

Indian navy day

4 दिसंबर को ,भारत के द्वारा पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर साहसिक और यादगार हमला को सफलता पूर्वक अंजाम देना|

इसमें सम्लित भारती नौसैनिक को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान न होना , इस आपरेशन की सफलता के रूप में हम नौसेना दिवस मानते हैं |

इस दिन मुंबई में मुख्यालय वाले भारतीय नौसेना के पश्चिमी नौसेना कमान ने अपने जहाजों और नाविक कमांडर को एक साथ लाकर इस महान उपलब्धि का जश्न मनाय जाता है |

(Indian Navy Day) नौसेना दिवस समारोह के लिए भारतीय नौसेना दल के कार्मिक 1 दिसंबर को मुंबई में रिहर्सल करना और अपना कौशल प्रदर्शन करते हैं |

ये अक्सर अपना रिहर्सल अरब सागर में,मुंबई के गेटवे ऑफ़ इंडिया के पास करते है |

वही पर पूर्वी नौसेना कमान उन सभी गतिविधियों और कार्यक्रमों की योजना बनाता है जो नौसेना दिवस समारोह में आयोजित किए जाते हैं |

सबसे पहले युद्ध स्मारक (आरके बीच पर) में माल्यार्पण समारोह विशेष अतिथि के साथ शुरू होता है |

इसके उपरांत नौसेना के वीर जाबाज अपना कौशल प्रदर्शन करते है |

इस समारोह में सम्लित पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों और अन्य बलों की ऊर्जा और कौशल दिखाने के लिए व्यावहारिक प्रदर्शन किया जाता है।

भारतीय नौसेना का संझिप्त परिचय :

भारतीय नौसेना भारतीय सेना का समुद्री अंग है | भारतीय सेना के ३ प्रमुख अंग थल ,नभ ,और जल में ,से यह जल सेना के रूप में जाना जाता है |

इसका इतिहास जंग-ए-आजादी, मुंबई में ऑपरेशन ताज से लेकर कई अन्य कार्यो के लिए बहदुरी से भरा हुआ है |

भारतीय नौसेना भारतीय सेना का प्रमुख अंग है |

इसकी  स्थापना 1612 में की गई थी। ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहजों की सुरक्षा के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी मैरिन के रूप में इसका गठन किया था | जिसका नाम बदल कर रॉयल इंडियन नौसेना कर दिया |

1950 में भारत की आजादी के बाद नौसेना का गठन किया गया और इसे भारतीय नौसेना ( Indian नेवी )नाम दिया गया |

दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इस नौसेना ने अपना कर्तब 1971 में पाकिस्तान के कराची कराची बंदरगाह पर भिषण बमबारी कर उसे तबाह कर दिया |

4 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन ट्राइडेंट नाम से शुरू अभियान में मिली सफलता को हम हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस (Indian Navy Day) के रूप में मानते हैं |

नौसेना ने कराची बंदरगाह तबाह करते हुए आगे बड़े और रास्ते में ही पाकिस्तान की पीएनएस गाजी पनडुब्बी को जल में दफन किया।

इस अभियान में आईएनएस विक्रांत ने खूब प्रशंसा बटोरी | भारतीय नौसेना ने 1971 ही नहीं ,1965 में भी पाकिस्तान के साथ युद्ध में विशेष योगदान दिया |

भारतीय नौसेना का योगदान भारत की आजादी में भी रहा , नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज द्वारा छेड़े गए |

आजादी के संघर्ष से प्रेरणा लेकर रॉयल इंडियन नेवी के सदस्यों ने 18 फरवरी 1946 को एचआईएमएस तलवार  नाम के जहाज को आजादी के मैदान में उतार दिया था |

इन नौसैनिकों का विद्रोह ही ऐसा तीब्र था, कि जल्द ही 20 तटों पर 20 हजार नाविक और 75 से भी ज्यादा जहाज शामिल हो गए |

भारतीय नौसेना का इतिहास ऐसे ही अनेक कारनामो से भरा पड़ा है |

इसमें 1961 में गोवा से पुर्तगालियों को खदेड़ने में भी इनका विशेष योगदान रहा और ऑपरेशन विजय को विजय अंजाम तक पहुंचाया था |

भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो दुनिया के बेहतरीन कमांडो में से एक है|

जिन्होंने नएसजी कमांडो के साथ मिलकर मुंबई ताज होटल हमला में आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया |

इतना ही नहीं 1988 में मालदीव के जहाज जो भारतीय जलक्षेत्र की सीमा में था, उसे आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था |

जिसमे मालद्वीव के तत्कालीन शिक्षामंत्री और अन्य नागरिक को बंधक बना लिया था |

उन्हें मार्कोस कमांडो ने “ऑपरेशन कैक्टस” के तहत सुरक्षित अंजाम  देकर उन सबकी जान बचाई |

“मार्कोस कमांडो” जम्मू-कश्मीर की वुलर और झेलम नदी के जलमार्ग से आने वाले आतंकवादियों की घुसपैठ को विफल करते रहते हैं।

नौसेना के तीन क्षेत्रीय प्रमुख कमांड

विशाखापट्टनम- ईस्टर्न नेवल कमांड

मुंबई- वेस्टर्न नेवल कमांड

कोच्चि- साउदर्न नेवल कमांड

4 दिसंबर को ही  राष्ट्रीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) के रूप में क्यों मनाया जाता है?

वर्ष 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में भारत की विजय में भारतीय नौसेना की अदम्य साहस ,बहादूरी,और निःस्वार्थ सेवा भावना को याद करने के लिए मनाया जाता है।

वह 4 दिसंबर का ही  दिन था , जब भारत के वीर जाबाज नौसैनिकों ने ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ के तहत पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर हमला करके उसे तबाह और बर्बाद कर दिया था |

जिससे की पाकिस्तान को भारत के सामने नतमस्तक होना पड़ा था |

इसी लिए हम भारतीय लोग ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’  की सफलता के रूप में 4 दिसंबर को राष्ट्रीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) के रूप में मानते है|

हम अपने वीर नौसैनिकों को याद करते है ,और उनके मनोबल को बढ़ाते हैं |

मुझे उम्मीद है कि आप को हमारा यह आर्टिक्ल – Indian Navy Day लेख पसंद आया होगा | आप अपने सुझाव और विचार कमेंट के माध्यम से दे सकते है |

 

 

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15 thoughts on “Indian Navy Day -4 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है?”

  1. Good information shared given by Mr K M Pandey, It will help get guys to know more about Naval Missions and achievements of navy on occasion of Indian Navy Day in very simple language.
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    Thanks Mr K. M. Pandey for this..
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